मिश्र जी सुन्दर भाव से भरी श्रृंगार पूर्ण रचना आइये प्रेम बरसाते बढे चलें पास तुम बैठी रहो लहराती आँचल ..सुन्दर शुक्ल भ्रमर ५
मिश्र जी सुन्दर भाव से भरी श्रृंगार पूर्ण रचना आइये प्रेम बरसाते बढे चलें
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शुक्ल भ्रमर ५