Thursday, June 2, 2011

क्षणिकाएं

(१)


प्रेम में तुम्हारे है


यही मुझसे से अन्तर,


तुम देखते हो बाहर


मै देखता हूँ अन्दर ..



(२)


एक बस कंडेक्टर ने


टिकेट बनाने में किया


नया तरीका अख्तियार,


फर्स्ट ऐड बॉक्स पर


लिख दिया


" बिना टिकेट यात्री होशियार".
++++++++++++++++++++


- शिव प्रकाश मिश्र


- S.P.MISHRA

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